Yaad Shayari in Hindi: हेलो दोस्तों, दिल से दुआ है कि आप सभी खुश, स्वस्थ और सकुशल हों, (Shayariok) में आपका स्वागत है,अगर आप (Yaad Shayari in Hindi) की तलाश में है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है, यादें जब दिल के ज़ख्मों को कुरेदती हैं, तो मुस्कुराना मुश्किल हो जाता है। किसी की कमी जब हर पल खलने लगे, तो समझो मोहब्बत सच्ची थी। नींद आती है, पर ख़्वाबों में वही चेहरा होता है… दिन बीतते हैं, पर दिल वहीं ठहरा रहता है। कभी-कभी तो लगता है, यादें ही सबसे बड़ी सज़ा होती हैं — जो न जीने देती हैं, न मरने देती हैं, एक सन्नाटा सा हर वक़्त साथ रहता है, जैसे कोई हर पल पुकार रहा हो दिल के किसी कोने से। ये शायरी बस उन लम्हों का दर्द है, जो सिर्फ़ महसूस होता है।
Yaad shayari

ये वक्त तेरी यादों में हैं,
ये दिल मुझसे संभलता नहीं,
कैसे जिऐगें तेरे बगैर पूरी जिन्दगी,
एक पल तेरे बिना गुजरता नहीं..!!

तुम्हारे बाद किसी को दिल में,
बसाया नहीं हमने, तुम चले गए तो क्या,
यादों को मिटाया नहीं हमने..!

तेरी यादें अब साँसों में बसी है,
जिन्हें हर पल साथ लेकर चलना पड़ता है।

तुमसे बात न हो तो पल पल याद करते है हम,
तुम्हारी कसम तुम्हे बहुत प्यार करते है हम्म…!

तेरी यादें अब मेरी कहानी हैं,
जो हर लम्हा दिल को सुनानी हैं..!

ख्वाब आंखों से गया नींद रातों से गई,
वो गया तो ऐसा लगा जिदगी हाथों से गई…!

तुमसे बात न हो तो पल पल याद करते है हम,
तुम्हारी कसम तुम्हे बहुत प्यार करते है हम….!

बोझ बन जाते हैं,
रिश्ते मन भर जाने के बाद,
कमियां नजर आने लगती है,
दूसरा मिल जाने के बाद…!

तेरी यादें आती हैं जब जब साँखें चलती हैं,
ये नज़रों में अक्सर धुंधली सी रह जाती है !

अब तुझसे बात नहीं होती,
बस तेरी यादें ही साथ होती हैं…!

ये आपकी याद ही हमे पागल कर देगी,
आईने में देखते है खुद, दिखाई आप

किसी की याद दिल में आज भी है,
वो भूल गए मगर हमें प्यार आज भी है,
हम खुश रहने की कोशिश तो करते हैं,
मगर अकेले में आंसू बहते आज भी हैं..!

कितने चेहरे हैं इस दुनिया में,
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,
दुनिया को हम क्यों देखें,
उसकी याद में सारा वक़्त गुजर जाता है.!

सो जाने दे मुझे नींद की गहराईयों में,
जीने नहीं देती उसकी यादें तन्हाइयों में।

अब न जाने कहां खोने लगे है हम,
इश्क के समन्दर में गोता क्या लगाया,
अब उसकी याद में रोने भी लगे है हम ।।

सो जाने दे मुझे नींद की गहराईयों में,
जीने नहीं देती उसकी यादें तन्हाइयों में।

मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर आँकात रखी है,
तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रखी है।
भले ही पेट के खातिर कहीं दिन बेच आया हूँ,
तुम्हारी याद की खातिर भी पूरी रात रखी है।

अब न जाने कहां खोने लगे हैं हम,
इश्क के समन्दर में गोता क्या लगाया,
अब उसकी याद में रोने भी लगे हैं हम ।।

दो जवाँ दिलों का ग़म, दूरियाँ समझती हैं,
कॉन याद करता है, हिचकियाँ समझती है।

हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे,
कभी चाहा किसी ने खुद तुम कहोगे,
हम ना होंगे तो ये आलम ना होगा,
मिलेंगे बहुत से पर हम सा कोई पागल ना होगा।
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